बिजनेस संचालन में जिन चीजों की प्रमुख रुप से जरूरत पड़ती है उनमे वर्किंग कैपिटल मुख्य है। कारोबार चाहें बड़ा हो या छोटा उसे चलाने के लिए धन की जरूरत पड़ती ही है। बिजनेस का सफल संचालन करने के लिए दो तरह के धन यानी रकम की जरूरत पड़ती है।
- बिजनेस का विस्तार करने के लिए धन की जरूरत
- कारोबार का सफल संचालन करने के लिए धन की जरूरत
किसी भी बिजनेस को जब शुरु किया जाता है तो उसके पीछे एक उद्देश्य होता है और एक लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए और निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बिजनेस का समय – समय विस्तार करने की जरूरत होती है।
बिजनेस का विस्तार करने में खर्च होने वाले धन को बिजनेस की बिजनेस कास्ट कहते हैं। इसके लिए बड़ी धनराशी की जरूरत पड़ती है। बिजनेस का विस्तार होने का मतलब होता है कि बिजनेस बड़ा हो रहा है। मार्केट में उसकी स्थिति मजबूत बनती है।
बिजनेस में खर्च होने वाली दूसरी धनराशी होती है: वर्किंग कैपिटल यानी कार्यशील पूंजी। इस धनराशी का उपयोग बिजनेस को चलाने के लिए यानी सफल संचालन के लिए किया जाता है। कारोबर में दैनिक खर्च होने वाली रकम को को पूरा करने के लिए जिस रकम का इस्तेमाल किया जाता है उसे वर्किंग कैपिटल कहते हैं।
इसे कार्यशील पूंजी यानी वर्किंग कैपिटल भी कहते हैं। कारोबार में वर्किंग कैपिटल की जरूरत इसी बात से समझा जा सकती है कि वर्किंग कैपिटल का इंतजाम न करने की वजह से कई स्टार्ट – अप बिजनेस बंद होने हो चुके हैं।
वर्किंग कैपिटल धनराशी का उपयोग बिजनेस की जगह का किराया देने में, पानी बिजली की बिल भरने में, कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए और कर्मचारियों के लिए चाय – नाश्ता इत्यादि का इंतजाम करने के लिए किया जाता है।
हम कार्यशील पूंजी को कारोबारियों के लिए एक बेहतरीन कैश असिस्टेंट भी कह सकते हैं। इससे कारोबारियों को तत्काल खर्च के लिए जरूरी धन को मैनेज करने में आसानी होती है। आपको बता दें कि जिन कारोबारियों को कार्यशील मैनेज करने में पैसों की कमी से जूझना पड़ता है उनके लिए वर्किंग कैपिटल लोन की भी सुविधा उपलध है।
देश की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी – एनबीएफसी ZipLoan द्वारा कारोबारियों को 1 से 5 लाख तक का बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन* में दिया जाता है। ZipLoan द्वार कारोबारियों को कार्यशील पूंजी ऋण 2 साल तक के लिए दिया जाता है। अगर इस बीच कारोबारी के पास पैसा आ जाता है तो वह जब चाहें तब कीं की रकम वापस कर सकता हो वो भी 6 महीने बाद प्री पेमेंट चार्जेस फ्री।
कार्यशील पूंजी क्या होती है? – What exactly Working Capital Loans are?
कारोबारियों का सवाल हो सकता है कि वर्किंग कैपिटल निकालने कैसे डिसाइड किया जाता है? आपको बता दें कि कार्यशील पूंजी निकालने का सूत्र होता है यानी कार्यशील पूंजी एक मेथड के तहत डिसाइड होती है। कार्यशील पूंजी निकालने सूत्र इस तरह है:
कारोबार की वर्तमान संपत्ति (Current Assets) – कारोबार की वर्तमान देनदारी (Current Liabilities) = कार्यशील पूंजी (Working Capital)
इसको और विस्तार से समझते हैं: माना किसी कारोबारी के पास वर्तमान में कुल 10 लाख तक की संपत्ति है और उसके ऊपर 8 लाख की देनदारी हो तो इस स्थिति में उस कारोबारी के पास कुल 2 लाख रुपया कार्यशील पूंजी यानी Working Capital के रुप में बचता है।
अब अगर उस कारोबारी को लगता है कि उसको बिजनेस का सही तरीके से संचालन करने के लिए और अधिक रुपयों की जरूरत है तो उन्हें वर्किंग कैपिटल लोन लेने का विचार करना चाहिए।
वर्किंग कैपिटल लोन कब लेना चाहिए?
वैसे तो यह कोई डिसाइड नही होता कि Working Capital Loan कब लेना चाहिए। लेकिन, कुछ ऐसी स्थितियां होती हैं जब कारोबारियों को Working Capital Loan लेने की जरूरत पड़ती है। आइये उन परिस्थितयों के बारें में समझते हैं:
कैश रिजर्व रखने के लिए
बिजनेस में कैश की जरूरत पड़ती रहती है। कारोबारियों का धन अधिकतर माल खरीदने में लगा होता है जिसके वजह से कैश की किल्लत हो सकती है। कैश की किल्लत से बचने के लिए Working Capital Loan लेना बेहतर विकल्प होता है। कैश होने से बिजनेस का संचालन करना आसान हो जाता है।
कैश फ्लो मेंटेन रखने के लिए
कारोबारी जब पैसा कच्चा माल खरीदने में खर्च कर देते हैं या माल की सप्लाई होने के बाद भी जब तक पेमेंट नही मिलता है तब कैश की कमी की समस्या से जूझना पड़ता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए Working Capital Loan लेना बेहतर विकल्प साबित होगा।
जब कारोबारी के पास उसका मूल धन आ जाये तो तब वह जब चाहे तब लोन की रकम को वापस कर सकते हैं। इस तरह कारोबारी के साथ कैश फ्लो मेंटेन करने में समस्या नही आएगी और बिजनेस भी अपने रफ़्तार से आगे बढ़ता रहेगा।
अवसर का लाभ लेने के लिए
कई बार ऐसा अवसर आता है जब कोई बहुत कीमती वस्तु या बिजनेस बढ़ाने का बेहतरीन मौका मिलता है। ऐसे में कारोबारी के पास अगर तत्काल पैसा नही होने से खास अवसर हाथ से निकलने का डर बना रहेगा। लेकिन इस अवसर का लाभ वर्किंग कैपिटल लोन के जरिये लिया जा सकता है।
वर्किंग कपिटल लोन का लाभ
- बिजनेस की तत्काल जरूरत पूरा होना
- कारोबार संचालन सही तरीके से होना
- बिजनेस की ब्रांच खोलने में सहायता मिलना
- लोन लेने के लिए कुछ गिरवी नही रखना पड़ता है
- समय से पहले लोन वापस करने पास कोई अलग से चार्ज नही देना पड़ता है
- बिजनेस में कैश की समस्या नही आती है
वर्किंग कैपिटल लोन प्राप्त करने की पात्रता क्या है?
- बिजनेस रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- बिजनेस का पैन कार्ड
- पिछले 2 साल की ऑडिट रिपोर्ट
- कारोबारी का पहचान पत्र
- बिजनेस के बैंक खाता का पिछले 12 महीने की बैंक स्टेटमेंट
- पिछले साल फाइल किये गये ITR की कॉपी
ZipLoan से मिलता है सिर्फ 3 दिन में वर्किंग कैपिटल लोन
फिनटेक सेक्टर की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी ZipLoan द्वारा कारोबारियों की सुविधा के लिए सिर्फ 3 दिन में 1 से 5 लाख तक का वर्किंग कैपिटल लोन प्रदान किया जाता है।
ZipLoan द्वारा मिलने वाले लोन की विशेषता है निम्न हैं:
- वर्किंग कैपिटल लोन का पूरा प्रोसेस ऑनलाइन ही होता है
- बिजनेस लोन प्री पेमेंट चार्जेस फ्री होता है
- लोन के लिए कुछ गिरवी नही रखना होता है
क्लिक कर जानिए ZipLoan से बिजनेस लोन लेने के फायदे
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