भारत में MSME उद्योग यानी स्माल बिजनेस को सभी स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। केन्द्र और प्रदेश सरकारों दोनों का लक्ष्य है की देश में अधिक से अधिक संख्या में स्माल बिजनेस शुरू हो। जो पहले से चल रहे हो, उनका विस्तार किया जाए। सरकार स्माल बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए बिजनेस लोन के रूप मदद कर रही है। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना इत्यादि के माध्यम यह प्रयास कर रही है कि देश में नौकरी से अधिक स्वरोजगार तथा कारोबार हो, जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हो सके। महिला कारोबारियों के लिए भी सरकार बहुत सी योजनाओं के द्वारा मदद कर रही है।
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उत्तर प्रदेश राज्य भारत का जनसँख्या के मामले में सबसे बड़ा तथा क्षेत्रफल के मामले में दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश में कला की कमी नही है और न ही मेहनत करने वालों की कमी है। अगर किसी चीज की कमी है तो वह है उत्तर प्रदेश के कारोबारियों और युवाओं को एक्सपोजर मिलने की। लेकिन अब एक्सपोजर न मिलने की भी समस्या समाप्त होने वाली है, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट नामक एक नई स्कीम लेकर आई है। आइए इस ब्लॉग में जानते है कि वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट स्कीम क्या है।
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क्या है जिला एक उत्पाद योजना
भारत के सभी जिलों में कुछ न कुछ कारोबार होता है। जिले के स्तर पर हो रहे कारोंबार को अधिक महत्त्व और पहचान नही मिल पाती, इसी को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश में ‘वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट’ योजना शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ी संख्या में MSME कारोबार हो रहे है लेकिन सभी की अपनी पहचान नहीं है।
उत्तर प्रदेश में कांच के सामान, लखनवी कढ़ाई से सजे कपडें, इत्र इत्यादि के बहुत फेमस है।ऐसे सभी सामान किसी गाँव में बनते है, जो बनाता है उसे कोई नहीं जानता। कारीगरों की खोई हुई पहचान को वापस दिलाने के लिए MSME सेक्टर के लिए यह योजना लाई गई है।
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वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम से राज्य के छोटे से छोटे गांव का नाम देश प्रदेश में प्रसिद्ध होगा। राज्य ने ऐसी व्यवस्था की है जिसके द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी जिलों का अपना एक प्रोडक्ट होगा, जो उस जिले की पहचान बनेगा। यह बिजनेस सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) के श्रेणी में रखा गया है।
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जिला एक उत्पाद योजना उद्देश्य
स्थानीय कला का विकास करना और प्रोडक्ट की पहचान दिलाने के साथ कारीगरों को मुनाफा दिलाना इस योजना का मूल मकसद है। वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के जरिए छोटे – छोटे कारीगरों को स्थानीय स्तर पर भी अच्छा मुनाफा संभव हो सकेगा और उन्हें अपना घर, जिला छोड़कर दूर किसी दूसरी जगह नही भटकना पड़ेगा। योजना का लक्ष्य काम के लिए पलायन करने वाले लोगों को अपने ही स्थानीय जगह पर रोकना भी है। यह योजना एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उत्तर प्रदेश में चलाई जा रही है। सफल हुई तो इसे पूरे देश भर में लागू कर दिया जायेगा।
योजना के महत्वपूर्ण पॉइंट्स
- योजना द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग और कारीगरों को ट्रेनिग दी जायेगा ताकि वह प्रोडक्ट मार्केट में दुसरे प्रोडक्ट की बराबरी कर सके
- योजना के जरिए रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। एक अनुमान के अनुसार 5 सालों में 25 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा
- लघु, मध्यम और रेगुलर उद्योगों को आर्थिक रूप से मदद प्रदान करेगी
- MSME के तहत बेहद कम ब्याज दरों पर बिजनेस लोन दिया जायेगा
- एक प्रोडक्ट को एक ब्रांड का नाम दिया जायेगा, ब्राडिंग,पैकेजिंग, इत्यादि पर सरकार कार्य करेगी
MSME सेक्टर के विस्तार के लिए सरकरी स्तर पर बहुत ही तेजी से मदद की जा रही है। अगर आपका बिजनेस पहले से चल रहा है, और आप अपने बिजनेस का आगे बढ़ाना चाहते है लेकिन पैसों की कमी से अपने कारोबार का विस्तार नही कर पा रहे है तो, अब आपकी पैसों वाली समस्या का समाधान हो सकता है। ZipLoan दे रहा है सिर्फ 3 दिन* के अंदर 7.5 लाख तक का बिजनेस लोन। लाभ उठाये और अपने बिजनेस को आगे बढाएं। अभी अप्लाई करें।
एक जिला, एक प्रोडक्ट लिस्ट One District One Product 2021 list
वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडक्ट लिस्ट सभी जिलों के अनुसार निम्नलिखित है-
जिले का नाम | उत्पाद का नाम | जिले का नाम | उत्पाद का नाम |
आगरा | चमड़ा उत्पाद | हापुड़ | होम फर्निशिंग |
अमरोहा | वाद्य यंत्र (ढोलक) | हाथरस | हैंडलूम |
अलीगढ़ | ताले एवं हार्डवेयर | हमीरपुर | हींग |
औरेया | दूध प्रसंस्करण (देसी घी) | जालौन | जूते |
आजमगढ़ | काली मिट्टी की कलाकृतियाँ | जौनपुर | हस्तनिर्मित कागज कला |
आंबेडकर नगर | वस्त्र उत्पाद | झांसी | ऊनी कालीन (दरी) |
अयोध्या | गुड़ | कौशाम्बी | सॉफ्ट ट्वॉयज |
अमेठी | मूँज उत्पाद | कन्नौज | खाद्य प्रसंस्करण (केला) |
बदायू | ज़री जरदोज़ी उत्पाद | कुशीनगर | इत्र |
बागपत | होम फर्नीशिंग | कानपुर देहात | केला फाइबर उत्पाद |
बहराइच | गेहूँ डंठल (हस्तकला) उत्पाद | कानपुर नगर | एल्युमिनियम बर्तन |
बरेली | ज़री-ज़रदोज़ी | कासगंज | चमड़ा उत्पाद |
बलिया | बिंदी उत्पाद | लखीमपुरखीरी | ज़री-जरदोज़ी |
बस्ती | काष्ठ कला | ललितपुर | जनजातीय शिल्प |
बलरामपुर | खाद्य प्रसंस्करण (दाल) | लखनऊ | ज़री सिल्क साड़ी |
भदोही | कालीन (दरी) | महाराजगंज | चिकनकारी एवं ज़री ज़रदोज़ी |
बांदा | शज़र पत्थर शिल्प | मेरठ | फर्नीचर |
बिजनौर | काष्ठ कला | महोबा | खेल की सामग्री |
बाराबंकी | वस्त्र उत्पाद | मिर्ज़ापुर | गौरा पत्थर |
बुलंदशहर | सिरेमिक उत्पाद | मैनपुरी | कालीन |
चंदौली | ज़री-ज़रदोज़ी | मुरादाबाद | तारकशी कला |
चित्रकूट | लकड़ी के खिलौने | मथुरा | धातु शिल्प |
देवरिया | सजावट के सामान | मुज़फ्फर नगर | सैनिटरी फिटिंग |
इटावा | वस्त्र उद्योग | मऊ | गुड़ |
एटा | घुंघरू, घंटी एवं पीतल उत्पाद | पीलीभीत | वस्त्र उत्पाद |
फरुखाबाद | वस्त्र छपाई | प्रतापगढ़ | बांसुरी |
फतेहपुर | बेटशीट एवं आयरन फैब्रीकेशन वर्क्स | प्रयागराज | खाद्य प्रसंस्करण (आंवला) |
फ़िरोज़ाबाद | कांच के उत्पाद | रायबरेली | काष्ठ कला |
गौतमबुद्ध नगर | रेडीमेड गार्मेंट | रामपुर | पैचवर्क के साथ एप्लिक वर्क, जरी पैचवर्क |
गाज़ीपुर | जूट वॉल हैंगिंग | संत कबीर नगर | ब्रासवेयर |
गाज़ियाबाद | अभियांत्रिकी सामग्री | शाहजहांपुर | ज़री-ज़रदोज़ी |
गोंडा | खाद्य प्रसंस्करण (दाल) | शामली | लौहकला |
गोरखपुर | टेराकोटा | सहारनपुर | लकड़ी पर नक्काशी |
श्रावस्ती | जनजातीय शिल्प | सोनभद्र | कालीन |
संभल | हस्तशिल्प (हॉर्न-बोन) | सुल्तानपुर | मूँज उत्पाद |
सिद्धार्थनगर | काला नमक चावल | उन्नाव | ज़री-जरदोज़ी |
सीतापुर | दरी | वाराणसी | बनारसी रेशम साड़ी |
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