भारत कभी चमड़े के सबसे बड़े बाजारों में से एक था, पिछले काफी समय से भारत एक बार फिर से अपना गौरव पाना चाहता है। जिसके लिए काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट्स (सीएलई) के चेयरमैन मुख्तारुल अमीन के नेतृत्व में कानपुर, चेन्नई, कोलकाता और नई दिल्ली के चर्म उद्यमियों ने भारतीय दूतावास की मदद से सियोल में एक सम्मेलन का आयोजन किया।
दक्षिण कोरिया में ऑन डिमांड करेगें सप्लाई-
इस सम्मेलन का आयोजन दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल शहर में हुआ। सियोल में भारतीय चर्म उद्यमियों ने दक्षिण कोरिया के बाजार में संभावनाओं पर मेजबान उद्यमियों संग बैठक की। जिसके बाद कोरियाई बाजार ने भारतीय चर्म उद्यमियों का खुले दिल से स्वागत किया है और भारत के चर्म उत्पादों की गुणवत्ता की तारीफ की है। फैशन और क्वालिटी की मुरीद दक्षिण कोरियाई जनता को अब भारतीय व्यापारी ‘ऑन डिमांड’ सप्लाई देगें।
दक्षिण कोरिया है चमड़ा उत्पादों का बड़ा आयातक-
इस अवसर पर दक्षिण कोरिया में उप उच्चायुक्त सतीश कुमार सीवान ने कहा कि दक्षिण कोरिया में भारतीय चर्म कारोबारियों के लिए जबर्दस्त संभावनाएं हैं। साल 2016 में दक्षिण कोरिया ने 4000 मिलियन डालर से ज्यादा चर्म उत्पादों का आयात किया गया था। दक्षिण कोरिया में चर्म उत्पादों की मांग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।
सीएलई चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने कहा कि भारत से चर्म निर्यात 6 अरब डालर को पार कर गया है जबकि घरेलू बाजार 12 अरब डालर से भी ज्यादा है। भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फुटवियर निर्माता, दूसरा सबसे बड़ा लेदर गारमेंट्स निर्यातक और फिनिश्ड लेदर का पांचवा सबसे बड़ा निर्यातक है। साथ ही उन्होनें विश्वास भी दिलाया कि भारतीय उद्यमी कोरियन मार्केट की उम्मीदों पर पूरी तरह खरे उतरेंगे।
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