दिन प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी के इस दौर में खुद का कारोबार करना अधिक मुनासिब हो सकता है। नौकरी में जहां दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है वहीं बिजनेस में व्यक्ति खुद की मर्जी के मालिक होते हैं। कारोबार (लघु उद्योग) शुरु करने से पहले बिजनेस रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस ब्लॉग में आइए जानते हैं बिजनेस रजिस्ट्रेशन कराने के लिए क्या प्रक्रिया होती है? business registration kaise hota hai.
बिजनेस रजिस्ट्रेशन क्या होता है?
जब भी किसी कारोबार (लघु उद्योग) को शुरु किया जाता है तो उसकी जानकारी सरकार को देना आवश्यक होता है। यह जरूरी इसलिए भी है ताकि वह सरकार की लिस्ट में बन सके। सरकारी कार्यालय को जानकारी मिल सके। इससे कारोबारी और सरकार दोनों को सहूलियत होती है। कारोबारी को जहां सरकार द्वारा चलाई जा रही कारोबार की स्कीम का फायदा मिलता है वहीं सरकार को टैक्स वसूल करने में मदद मिलती है।
बिजनेस रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया है बेहद आसान
कई बार कारोबार शुरु करने वाले लोग इस बात से घबराने लगते हैं की बिजनेस के रजिस्ट्रेशन के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ेगी या बहुत से प्रोसेस को फ़ॉलो करना पड़ेगा। लेकिन, यह पूरी तरह से सच नहीं है। अब बिजनेस के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया काफी आसान हो गया है।
बिजनेस (लघु उद्योग) का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है
लघु उद्योग का बिजनेस रजिस्ट्रेशन कराने से पहले यह जानना जरुरी होता है की बिजनेस के लिए कितने प्रकार के रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत पड़ती है। बिजनेस के लिए रजिस्ट्रेशन के प्रकार निम्न होते हैं:
- जिला उद्योग कार्यालय में रजिस्ट्रेशन
- निगम लाइसेंस प्राप्त करना
- सेफ्टी सर्टिफिकेट डिपार्टमेंट से एनओसी लेना
- फैक्ट्री/कारोबार (लघु उद्योग) लाइसेंस प्राप्त करना
- GST रजिस्ट्रेशन कराना
जिला उद्योग कार्यालय में रजिस्ट्रेशन
किसी भी लघु उद्योग को शुरु करने से पहले संबंधित जिला उद्योग कार्यालय में उसका रजिस्ट्रेशन कराना होता है। जिला उद्योग कार्यालय में लघु उद्योग का रजिस्ट्रेशन कराने का मतलब होता है आपने सरकार को बता दिया की आप स्वरोजगार कर रहे हैं। बेरोजगार नहीं हैं। जिला उद्योग दफ्तर में अपने बिजनेस का रजिस्ट्रेशन कराने से सबसे बड़ा फायदा यह होता है की सरकार द्वारा शुरु की गई किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ तुरंत मिलता है।
जिला उद्योग कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराने के आपको निम्न कागजातों की जरूरत पड़ेगी:
- आधार कार्ड
- स्थाई एड्रेस प्रूफ
- जिस चीज का कारोबार शुरु कर रहे हैं उसका नाम और प्रकार
- जहां कारोबार शुरु होगा उस जगह का नाम और प्रूफ
- आय का प्रमाण पत्र (सोर्स ऑफ़ इनकम)
निगम लाइसेंस क्या होता है और कैसे बनता है?
निगम लाइसेंस बनता है जिला उद्योग में रजिस्ट्रेशन के बाद। कारोबार (लघु उद्योग) शुरु करने के लिए सबसे पहले बनने वाले लाइसेंस को निगम लाइसेंस कहते हैं। निगम से सर्टिफिकेट मिलने का मतलब होता है अब आप अपना बिजनेस शुरु कर सकते हैं। निगम लाइसेंस के लिए आवेदन की बात करें तो इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है।
निगम लाइसेंस कहां से बनता है? कई कारोबारियों का यह सवाल हो सकता है। इसका जवाब होगा निगम लाइसेंस नगर निगम, विकास प्राधिकरण या जिला उद्योग कार्यालय में बनता है। यह लाइसेंस इस बात पर बनता है की आप जो लघु उद्योग शुरु करने जा रहे हैं उसमे किस चीज की सर्विस होगी या मैन्युफैक्चरिंग होगी, कौन- कौन सी मशीन लगाई जाएगी? इत्यादि।
निगम लाइसेंस पाने के लिए निम्न कागज़ी दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है:
- जिला उद्योग कार्यालय में रजिस्ट्रेशन की कॉपी।
- जहां लघु उद्योग शुरु होगा उसके मालिकाना हक़ की कॉपी। अगर जगह रेंट पर है तो उसके रेंट की कॉपी।
- लघु उद्योग के प्लान की कॉपी- इसमें जिस- जिस मशीनों का उपयोग किया जायेगा उसका नाम और डिटेल
- लाइसेंस की फ़ीस
यहां ध्यान देने वाली बात यह है की किसी भी लघु उद्योग को सिर्फ इंडस्ट्रियल या कॉन्फर्मिंग एरिया में ही शुरु किया जा सकता है, इसलिए यह ध्यान रखे की जब भी आप बिजनेस रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करें तो उसमे जगह इंडस्ट्रियल या कॉन्फर्मिंग एरिया ही हो। ऐसा नहीं होने पर आवेदन रिजेक्ट हो जाता है।
सेफ्टी डिपार्टमेंट से एनओसी प्राप्त करना
किसी भी लघु उद्योग में जो लोग काम करते हैं, उनकी सुरक्षा सर्वप्रथम है। सरकार ने कामगार की सुरक्षा के लिए इस सुरक्षा व्यवस्था को लागू किया है। किसी भी कारोबार को शुरु करने के तीन में महीने के भीतर फायर एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट से नॉन ऑब्जेक्ट सर्टिफिकेट (NOC) लेना अनिवार्य होता है।
एनओसी (NOC) लेने के लिए संबंधित व्यक्ति को अपने लघु उद्योग में आग से बचने के उपाय के बारे में बताना होता है। अग्निशमन मशीनों की संख्या को दिखाना होता है।
लघु उद्योग / फैक्ट्री / बिजनेस लाइसेंस हासिल करना
बिजनेस लाइसेंस कैसे बनवाएं के क्रम में यह जानना सबसे जरुरी है कि बिजनेस लाइसेंस किसे कहते हैं? आपको जानकारी के लिए बता दें कि बिजनेस लाइसेंस को चीफ इंस्पेक्टर ऑफ फैक्ट्रीज (सीआईएफ) का लाइसेंस भी कहा जाता है।
बिजनेस लाइसेंस को संबंधित जिले का लेबर डिपार्टमेंट जारी करता है। इस लाइसेंस के बिना लघु उद्योग शुरु तो किया जा सकता है लेकिन अधिक दिन तक नहीं चलाया जा सकता है। इस लाइसेंस को पाने के लिए संबंधित कारोबारी को अपने कारोबार की पूरी प्रोफाइल डिपार्टमेंट को दिखाने की जरूरत पड़ती है।
फैक्ट्री लाइसेंस पाने के लिए निम्न कागजातों की जरूरत पड़ती है:
- नगर निगम का लाइसेंस।
- एनवायरमेंटल कंसेंट कॉपी – इसे पर्यावरण विभाग जारी करता है। इसमें यह लिखा होता है की शुरु किये जा रहे लघु उद्योग से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।
- लघु उद्योग लेआउट के प्लान की कॉपी।
- फायर डिपार्टमेंट का एनओसी।
- सर्विस / मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस का फ्लो चार्ट।
- कर्मचारियों की संख्या और प्रोफाइल (मेल-फीमेल, स्किल्ड, सेमी या अनस्किल्ड) वेतन इत्यादि का विवरण।
- सर्टिफिकेट फीस
GST रजिस्ट्रेशन कराना
जब GST व्यवस्था लागू नहीं की गई थी तब सरकार टैक्स वसूल करने के लिए अलग- अलग व्यवस्था थी। लेकिन जीएसटी लागू होने के टैक्स की एक व्यवस्था हो गई। यहां यह स्पष्ट करना आवश्यक है की सरकार की गाइड लाइन के अनुसार GST रजिस्ट्रेशन कराना उन्हीं कारोबार के लिए जरूरत होती है जिन बिजनेस में सालाना टर्नओवर 40 लाख से अधिक होता है।
उपरोक्त तरीका से बिजनेस रजिस्ट्रेशन (लघु उद्योग) किया जा सकता है। अगले ब्लॉग में आपको जानकारी मिलेगी की किस बिजनेस के लिए कौन सा बिजनेस रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता होती है।
कारोबार बढ़ाने के लिए बिजनेस लोन लिजिए
‘ZipLoan’ फिनटेक क्षेत्र की प्रमुख NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी है। ‘कंपनी द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम कारोबारियों को लोन दिया जाता है। कारोबार बढ़ाने के लिए बेहद कम शर्तों पर 1 से 7.5 लाख तक का बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन* में प्रदान किया जाता है।
ZipLoan से बिजनेस लोन पाने की शर्ते बहुत कम हैं
- बिजनेस कम से कम 2 साल पुराना हो।
- बिजनेस का सालाना टर्नओवर कम से कम 10 लाख तक का होना चाहिए।
- पिछले साल भरी गई ITR डेढ़ लाख रुपये की हो या इससे अधिक की होनी चाहिए।
- घर या बिजनेस की जगह में से कोई एक खुद के नाम पर होना चाहिए।
ZipLoan से बिजनेस लोन लेने के कई फायदे हैं
- बिजनेस लोन की रकम अप्लाई करने के सिर्फ 3 दिन* के भीतर मिल जाती है। (यह सुविधा जरुरी कागजी दस्तावेजों को उपलब्ध रहने पर मिलती है)
- लोन के घर बैठे ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है।
- बिजनेस लोन की रकम 6 महीने बाद प्री पेमेंट फ्री है।
- लोन की रकम 6 महीने से लेकर 36 महीने के बीच वापस कर सकते है।
बिजनेस रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जानने के बाद भी कर सकते हैं अपना बिजनेस शुरु। अगर आपका कोई पुराना कारोबार है तो उसका कर सकते है ZipLoan के बिजनेस लोन से विस्तार। आज ही अप्लाई करें।
आपको इन्हें भी जानना चाहिए
सवाल आपके और उत्तर हमारे
इस सवाल का उत्तर इस बात में छुपा है कि दुकान किस चीज की चलाना चाहते हैं? अगर सामान्य कोई दुकान है, जैसे किराना या कोई जनरल स्टोर तो फिर किसी तरह का कोई लाइसेंस नहीं चाहिए होता है। लेकिन दवा की दुकान, शराब की दुकान इत्यादि के लिए सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। इस तरह की दुकान बिना लाइसेंस के नहीं चल सकती हैं।
बिजनेस लाइसेंस बनवाने का प्रोसेस बहुत आसान होता है। बिजनेस लाइसेंस बनवाने के लिए अपने जनपद के जिला उद्योग कार्यालय में जाना होता है और बिजनेस लाइसेंस बनवाने का फॉर्म भरना होता है। इसके साथ ही सभी जरुरी कागजात भी प्रस्तुत करना होता है। इसके बारे में सभी जानकारी इस आर्टीकल में दी गई है।
हां। बिजनेस लाईसेंस के लिए फीस जमा होती है। लेकिन सभी बिजनेस के लिए अलग – अलग फीस का रेट तय है।
नहीं। बिना ड्रग लाइसेंस के दवा की दुकान चलाना एक गंभीर जुर्म होता है। इसके लिए जेल और अर्थदंड दोनों हो सकता है। दवा की दुकान तभी चलाई जा सकती है जब इसके लिए लाइसेंस हो।
एनओसी का फुलफॉर्म नॉन अब्जेशनल सर्टिफिकेट होता है। इसका मतलब है कि आपके बिजनेस चलाने से संबंधित विभाग को कोई आपत्ति नहीं है।