प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा के लिए वित्त मंत्री को जिम्मेदारी सौपा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण और राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर 13 मई 2020 से राहत पैकेज “आत्मनिर्भर भारत” की घोषणा कर रहे हैं।
13 मई को एमएसएमई और एनबीएफसी के लिए राहत पैकेज की घोषणा की गई। आई 14 मई 2020 को किसानों, मजदूरों और असंगठित कामगारों के लिए समर्पित पैकेज की घोषणा वित्त मंत्री द्वारा की गई। आइये जानते हैं कि किसानों, मजदूरों और असंगठित कामगारों के लिए समर्पित पैकेज की प्रमुख बातें क्या हैं।
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किसानों को 86 हजार 600 करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा
किसानों के लिए 86 हजार 600 करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा। मार्च-अप्रैल महीने में 63 लाख कर्ज़ को मंजूरी दी गई है। किसानों को लोन की ब्याज पर छूट भी दी गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। 3 करोड़ किसानों को पहले ही किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये मदद पहुंचाई गई है। क्रेडिट कार्ड से खेती – किसानी के लिए तत्काल धन उपलब्ध होता है। यह भी एक तरह का लोन है। किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये औसतन 80 हजार रुपये और अधिकतम 2 लाख रुपये तत्काल धन लोन के रुप में मिलता है।
नाबार्ड और ग्रामीण बैंकों को धन मुहैया कराया गया है
नाबार्ड और ग्रामीण बैंकों को 29,500 करोड़ की मदद दी जाएगी। यह संस्थाएं किसानों को लोन मुहैया कराने की जिम्मेदारी निभाएंगी।
किसानों के लिए 30 हजार तक का अडिशनल इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल फंड स्थापित किया जायेगा
नाबार्ड के जरिये किसानों के लिए 30 हजार रुपये का अडिशनल इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल फंड स्थापित किया जायेगा। इस योजना के तहत जब किसानों को धन की जरूरत होगी तब वह औसतन 10 हजार रुपये और अधिकतम 30 हजार रुपये वर्किंग कैपिटल लोन के तौर पर ले सकते हैं।
मजदूरों/श्रमिकों के लिए राहत घोषणा पैकेज
मजदूरों/श्रमिकों के लिए 35000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में से 35 सौ करोड़ (35000 करोड़) मजदूरों/श्रमिकों के हाथ आया है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को प्रवासी मजदूरों के लिए 11000 करोड़ दिए हैं। इसी के साथ राज्यों को अप्रवासी मजदूरों/श्रमिकों की मदद करने के लिए भी 11 हजार करोड़ दिए जाएंगे।
शहरी गरीबों के लिए फंड दिया गया है
शहरी गरीबों के लिए 11 हजार करोड़ (11,000 करोड़) रुपये की मदद की गई है। शहरी गरीबों की मदद एसडीआरएफ के जरिए दी जा रही है।
मजदूरों की दिहाड़ी मजदूरी बढ़ाई गई है
पहले मनरेगा में दिहाड़ी मजदूरी 182 मिलती थी। अब मनरेगा की मजदूरी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है।
मजदूरों के लिए राशन की व्यवस्था की गई है
मजदूरों को तीन टाइम का भोजन मिलना सुनिश्चित हो सके, इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा 35 सौ करोड़ रुपये (3,500 करोड़) का प्रावधान किया गया है। यह धनराशि राज्यों की दी जाएगी।
राज्यों को सुनिश्चित करना है कि जिसका राशनकार्ड हो या जिसका राशनकार्ड न हो, सभी को अनाज और दाल मिलना संभव हो सके।
प्रवासी मजदूरों को 2 महीने तक प्रति मजदूर 5 किलो अनाज और 1 किलो दाल फ्री राज्यों को देना है। इस व्यवस्था के लिए केन्द्र सरकार से राज्यों को फंड मिलेगा। शेल्टर होम में 3 टाइम का खाना दिया जायेगा।
एक देश, एक राशनकार्ड व्यवस्था शुरु की जाएगी
वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना लाइ जाएगी। इस राशन कार्ड का इस्तेमाल देश के किसी भी कोना में हो सकेगा। राशन कार्ड योजना का लाभ 67 लाख लोगों को मिलेगा।
मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था
जो मजदूर अपने प्रदेश में गये हैं, वह चाहें तो अपने ग्राम सभा में मानरेगा योजना में खुद को रजिस्टर्ड कराकर काम मांग सकते हैं। अभी तक 2।33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को पंचायतों के जरिये काम मिला है।
मजदूरों के लिए अन्य राहत घोषणा
- न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव को खत्म किया जायेगा।
- मजदूरों का साल में एक बार अनिवार्य तौर पर हेल्थ चेकअप होगा।
- मजदूरों के लिए ESI योजना लाइ जाएगी
- असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ग्रेजूयेती दी जाएगी
- महिलाओं के लिए रात्रि की पाली में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन लाई जाएगी।
मजदूरों के लिए सस्ता घर की व्यवस्था सरकार करेगी
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मजदूरों के लिए सस्ता घर योजना शुरु की जाएगी।
- प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते किराये के घर की योजना सरकार लेकर आयेगी। इस योजना से जहां प्रवासी मजदूर काम कर रहे हैं, वहीं पर उन्हें सस्ते में घर मिल सकेगा।
मुद्रा लोन योजना: शिशु लोन की ब्याज दर में राहत दिया गया है
- मुद्रा शिशु लोन श्रेणी के लिए 15 सौ करोड़ (15000 करोड़) रूपये का प्रावधान किया गया है।
- मुद्रा शिशु लोन के दायरे में जो कारोबारी आते हैं, उन्हें शिशु लोन की ब्याज दर में राहत दी जाएगी। मुद्रा शिशु लोन लेने वालों के ब्याज में 2% की छूट होगी, इसका खर्चा सरकार उठाएगी। मुद्रा शिशु लोन 50 हजार रुपये तक मिलता है।
ठेला/रेहड़ी लगाने वालों के लिए घोषणा
- ठेला/रेहड़ी लगाकर बिजनेस करने वालों के लिए 5 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।
- ठेला/रेहड़ी वालों को सरकार की तरफ से तत्काल छोटा लोन मुहैया कराया जायेगा।
- इस योजना में प्रति व्यक्ति यानी हर ठेला/रेहड़ी लगाने वालों को10 हजार रुपये तक की लोन सुविधा तत्काल मिलेगी।
- यह योजना एक महीने में लांच कर दी जाएगी।
- ठेला/रेहड़ी वालों में डिजिटल पेमेंट प्राप्त करने और स्वीकार करने वालों को ईनाम भी मिलेगा।
- इस योजना के तहत बाद में अधिक धन मिल सकता है।
- इस योजना के तहत 50 हजार लोगों को लाभ मिलेगा।
मिडिल इनकम/लोवर इनकम क्लास वालों के लिए घोषणा
6 लाख से 18 लाख तक सालाना आय वालों के लिए सरकार क्रेडिट लिंक बेस्ड सब्सिडी स्कीम (एमआईजी) को मार्च 2021 तक बढ़ा रही है।