अब बैंकिंग का तरीका बदल गया है। नेट बैंकिंग के आ जाने से पैसे भेजना और किसी से मंगवाना बहुत आसान हो गया है। कारोबार में लगभग रोजाना ही पैसों का लेनदेन होते रहते हैं। कभी व्यापारी को कोई सामान किसी दुसरे शहर से मंगवाना होता है तो कभी किसी दुरे कारोबारी को पेमेंट करना होता है, इसके लिए कारोबारी बैंक जाते हैं फिर पैसे भेजते हैं। इस सभी प्रक्रिया में काफी समय के साथ बिजनेस में भी नुकसान होता है।
नेट बैंकिंग में अपने व्यवसाय पर बैठे – बैठे ही अपने मोबाइल या लैपटॉप के जरिए किसी के साथ भी पैसों का लेनदेन किया जा सकता है। Net Banking से छोटे कारोबारियों यानी Small business के मालिकों को लाभ ही लाभ है। वह जन चाहे, जिसे चाहे अपने दुकान में बैठे – बैठे पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। इस इस ब्लॉग में समझते हैं कि Net Banking क्या होती है और इसका छोटे व्यापारियों के लिए कितना लाभ हो सकता है।
छोटे कारोबारियों के लिए क्यों है मोबाइल वॉलेट उपयोगी? जानिए फायदे
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नेट बैंकिंग क्या होती है
नेट बैंकिंग एक डिजिटल तरीके चलने बैंकिंग हैं। इसमें व्यक्ति अपने बैंक अकाउंट का संचालन घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से कर सकता है। इसे चलाने के लिए आपको सबसे पहले अपने बैंक में नेट बैंकिग उपयोग करने के लिए एक एप्लीकेशन देना होगा, बैंक से आपको के यूजर कोड और पासवर्ड मिल जायेगा। अब आपको अपने बैंक की वेबसाइट पर जाकर लॉग इन करना होता है। लॉग इन करते ही आपके अकाउंट की सभी डिटेल आपके मोबाइल या कंप्यूटर पर आ जाएंगी।
अब आप जिसे चाहे उसे फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। जिससे चाहें पैसा मंगा सकते हैं। इस प्रक्रिया में बहुत कम समय लगता हैं। सरक्षा भी बनी रहती हैं। आइए जानते हैं कि Small business के मालिकों को क्यों करना चाहिए नेट बैंकिंग का उपयोग।
नेट बैंकिंग उपयोग करना पूरी तरह नि:शुल्क है
ई-बैंकिंग का इस्तेमाल पूरी तरह से फ्री है। कारोबारियों को यह डर बनी रहती है कि ई-बैंकिंग उपयोग करने से कुछ अतिरिक्त पैसा चुकाना पड़ेगा। लेकिन सच्चाई यह है कि यह बिलकुल नि:शुल्क है। इसे आप जब चाहे तब उपयोग कर सकतें हैं।
कही से भी अकाउंट हैंडल करिए
अभी तक यह होता है कि आपको किसी को पैसा भेजना हो तो बैंक जाना पड़ता है, बैंक में फॉर्म भरकर लाइन में लगना पड़ता है, फिर आपका काम हो पाटा है। पैसा निकालने के लिए भी सेम प्रोसेस करना होता है। लेकिन ई-बैंकिग इस्तेमाल करने से आप कही पर भी बैठकर सिर्फ अपने मोबाइल या कम्पूटर के जरिए लेन-देन कर सकते हैं।
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पैसों को मैनेज करना
पैसों को मैनेज करने का अर्थ है कि आपको अपने कारोबार में कुछ काम करने वाले लोग होंगे, जिन्हें आप हर महीने सैलरी देते होंगे। कुछ ऐसे वेंडर होंगे जिनसे हर महीने सामान लेते होंगे और पैसा भुगतान करते होंगे। इस सब भुगतान को आप ई-बैकिंग के जरिए शेड्यूल कर सकते हैं यानी एक निश्चित तारीख को शेड्यूल कर देंगे तो पैसा अपने-आप ट्रांसफर हो जायेगा। इसे जब चाहे तब खत्म कर सकते हैं, मैनेज कर सकते हैं।
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